महाकुंभ की अनोखी तस्वीर : बुजुर्ग सास को पीठ पर बैठा कर महाकुंभ स्नान करवाने पहुंची बहू , सोशल मिडिया पर वायरल तस्वीर जीत रही है लोगो का दिल...

भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : यूपी , महाकुंभ में उमड़ी अपार भीड़ के बीच एक अनोखी तस्वीर सामने आई है, जिसने लोगों का दिल छू लिया है। प्रयागराज में 144 वर्षों बाद आयोजित इस महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं, जिससे पैदल चलना तक कठिन हो गया है।

इस भीड़-भाड़ के बीच एक महिला अपनी बुजुर्ग सास को पीठ पर बिठाकर संगम स्नान के लिए ले जाती दिखी। बिना रुके, बिना थके लगभग पाँच किलोमीटर का सफर तय कर इस महिला ने मेला क्षेत्र तक पहुंच बनाई। उसके चेहरे पर थकान के कोई चिन्ह नहीं थे, बल्कि एक संतोष भरी मुस्कान थी, जो यह दर्शाती है कि वह अपनी सास की तीर्थ स्नान की इच्छा पूरी कर पुण्य अर्जित करने जा रही है।

यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोग इस महिला की खूब प्रशंसा कर रहे हैं। महिला के अनुसार, उसकी सास लंबे समय से महाकुंभ में स्नान की इच्छा रखती थीं, लेकिन भारी भीड़ के कारण यह असंभव सा लग रहा था। इसके बावजूद, बहू ने ठान लिया कि वह किसी भी परिस्थिति में अपनी सास की यह मनोकामना पूरी करेगी।

आठ किलोमीटर का कठिन सफर तय कर संगम तक पहुंचने वाली इस महिला ने अपने दृढ़ संकल्प का परिचय दिया। प्रयागराज पहुंचने के बाद उसे पता चला कि संगम तक जाने के लिए लंबा पैदल सफर तय करना पड़ेगा। फिर भी, उसने हिम्मत नहीं हारी और अपनी सास को पीठ पर बैठाकर महाकुंभ तक ले गई। इस छवि को महाकुंभ 2025 की सबसे अनूठी और हृदयस्पर्शी तस्वीर करार दिया जा रहा है। लोग इसे सास-बहू के रिश्ते की बेहतरीन मिसाल मान रहे हैं।

इस तस्वीर ने एक संदेश भी दिया है। जहां आज कई महिलाएं अपने सास-ससुर को अकेला छोड़ने में हिचकिचाहट नहीं दिखातीं, वहीं इस महिला ने भारतीय संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों की मिसाल कायम की है। खास बात यह है कि उसने पारंपरिक साड़ी पहनी हुई थी और भीड़ में भी अपने पहनावे और मर्यादा का पूरा ध्यान रखा। उसकी साड़ी का पल्लू सिर से नहीं हटा और उसने अपनी सास को ऐसे संभाला, जैसे एक मां अपने बच्चे को संभालती है।

इस दृश्य ने लोगों को श्रवण कुमार की याद भी दिला दी। कुछ दिन पहले ही ऐसी ही एक और तस्वीर सामने आई थी, जिसमें एक युवक अपनी वृद्ध मां को पीठ पर लादकर महाकुंभ स्नान कराने के लिए संगम तक लेकर गया था। अमेठी के गौरीगंज तहसील के कुशवैरा गांव निवासी किसान महेश तिवारी ने अपनी मां को मकर संक्रांति के दिन संगम स्नान कराने का प्रयास किया था। हालांकि, अत्यधिक भीड़ के कारण वह सफल नहीं हो सके, लेकिन हार न मानते हुए उन्होंने अपनी मां को प्रयागराज तक ट्रेन से लाया और फिर वहां से पैदल ही संगम तक पहुंचाया।

यह तस्वीरें इस बात का प्रमाण हैं कि आज भी समाज में ऐसी संतानें और बहुएं हैं, जो अपने बड़े-बुजुर्गों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करती हैं।

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