भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बम की धमकी से हड़कंप! मद्रास टाइगर्स के नाम से आया मेल, खाली कराया गया कोर्ट परिसर
बिलासपुर। सोमवार को जैसे ही गर्मी की छुट्टियों के बाद हाईकोर्ट में कामकाज शुरू हुआ, अचानक एक धमकी भरा ईमेल कोर्ट की वेबसाइट पर सामने आया। इस मेल में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की बात कही गई थी।
ईमेल मिलते ही हाईकोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया। जजों, वकीलों और पक्षकारों से भरे परिसर को तत्काल खाली कराया गया। पुलिस-प्रशासन ने मोर्चा संभालते हुए पूरे परिसर की सघन तलाशी शुरू कर दी।
अब्दुल की ID से भेजा गया धमकी भरा मेल
पुलिस के अनुसार धमकी भरा ईमेल 'अब्दुल' के नाम से abdia@outlook.com आईडी से भेजा गया। मेल में 'मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब' संगठन का जिक्र किया गया था।
ईमेल में लिखा था कि कोर्ट परिसर में 'अमोनियम सल्फर आधारित IED' लगाया गया है। यह धमकी 'पवित्र मिशन' के तहत भेजी गई है।
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धमकी मिलते ही चकरभाठा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। बम स्क्वायड, स्निफर डॉग्स और डिटेक्शन डिवाइसेस के साथ पूरे परिसर में जांच की गई। गहन तलाशी के बाद परिसर से कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
हालांकि, एहतियातन सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर ली है और ईमेल की जांच शुरू कर दी है।
पिछले मामलों में भी मिली थी धमकी
यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की धमकी मिली हो।
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दो महीने पहले कवर्धा कलेक्टर कार्यालय को RDX से उड़ाने की धमकी दी गई थी।
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आठ महीने पहले बिलासपुर से दिल्ली जा रही फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी।
इस बार धमकी सीधे हाईकोर्ट को मिली है, जिसने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी है।
अमोनियम सल्फेट आधारित IED कितना खतरनाक?
👉 अमोनियम सल्फेट खुद में विस्फोटक नहीं होता। यह एक सामान्य खाद (fertilizer) है।
👉 सल्फर की वजह से यह जलने पर तेज गर्मी और गैस उत्पन्न करता है।
👉 अगर इसमें ऑक्सीडाइज़र (जैसे पोटेशियम नाइट्रेट या अमोनियम नाइट्रेट) और ईंधन (जैसे डीज़ल या एल्युमिनियम पाउडर) मिला दिया जाए, तो यह शक्तिशाली low-intensity blast device बन सकता है।
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👉 ऐसी IED भीड़भाड़ वाले इलाकों में घातक साबित हो सकती है।
👉 अमोनियम नाइट्रेट की तुलना में यह कम विस्फोटक होता है, लेकिन आसानी से उपलब्ध और छिपाने में सरल होने के कारण आतंकी संगठन इसका इस्तेमाल करते रहे हैं।
👉 जंगलों या ग्रामीण क्षेत्रों में इसका उपयोग कर सुरक्षाबलों या आम नागरिकों को निशाना बनाया जाता है।
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