बारिश के मौसम में सांस फूलने लगी है? इन वजहों से हो सकती है गंभीर परेशानी, तुरंत बरतें ये सावधानियां..

भिलाई की पत्रिका न्यूज़ :बारिश की ठंडक बनी कई लोगों के लिए सांस की दुश्मन, जानिए वजह और बचाव

बारिश का मौसम जहां ठंडक और सुकून लेकर आता है, वहीं कुछ लोगों के लिए यह मौसम साँस से जुड़ी गंभीर तकलीफों का कारण भी बन जाता है। खासकर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या एलर्जी से जूझ रहे लोगों को इस समय अधिक सावधान रहने की जरूरत है।

मानसून में सांस की तकलीफ से जुड़ी सावधानियां - बारिश के मौसम में फेफड़ों की बीमारी का खतरा बढ़ा


सीने में जकड़न और अचानक सांस फूलना बना बड़ी चिंता
इस मौसम में कई लोगों को अचानक सीने में भारीपन, सांस लेने में कठिनाई, बार-बार खांसी या घुटन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। कई बार बिना किसी चेतावनी के ऐसा महसूस होता है जैसे सांस रुक रही हो।

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बारिश में सांस की समस्या बढ़ने के मुख्य कारण
👉 ह्यूमिडिटी बढ़ने से ऑक्सीजन की कमी:
बरसात के कारण हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। इसका असर अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों पर ज्यादा पड़ता है।

👉 फफूंदी और मोल्ड का बढ़ना:
घरों की नमी भरी दीवारों, पर्दों और कारपेट्स पर मोल्ड पनपने लगता है, जो हवा में एलर्जी फैलाने वाले स्पोर्स छोड़ता है। यह अस्थमा अटैक की वजह बन सकता है।

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👉 हवा की गुणवत्ता में गिरावट:
बारिश से पहले और बाद में हवा में धूल, परागकण, गंधक और अन्य हानिकारक तत्व बढ़ जाते हैं, जो सांस की समस्या को गंभीर बना देते हैं।

👉 वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन:
मॉनसून में वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इससे सर्दी, जुकाम और गले की खराश जैसी परेशानियां होती हैं, जो सांस को और बिगाड़ सकती हैं।

🔹 कैसे रखें अपना ध्यान? अपनाएं ये ज़रूरी सावधानियां
घर की सफाई रखें प्राथमिकता पर
बाथरूम, किचन और नम जगहों की नियमित सफाई करें
– फफूंदी दिखे तो तुरंत फिनाइल या साबुन से साफ करें
– डिह्यूमिडिफायर या चारकोल पाउच का उपयोग करें

इनहेलर और दवाएं हमेशा पास में रखें
अस्थमा मरीज डॉक्टर की सलाह से दवाएं समय पर लें
– इनहेलर की एक्सपायरी डेट जरूर जांचते रहें

घर को हवादार और सूखा रखें
– अच्छे वेंटिलेशन की व्यवस्था करें
– गीले कपड़े और कारपेट तुरंत सुखाएं
– पंखों का इस्तेमाल कर नमी दूर करें

बाहर निकलते समय बरतें ये सावधानी
मास्क पहनना न भूलें ताकि एलर्जेन्स से बचाव हो
– बारिश में भीगने से बचें, खासकर सिर और छाती को ढक कर रखें

खान-पान रखें पूरी तरह स्वच्छ
मानसून में पेट के संक्रमण से इम्युनिटी कमजोर होती है
– साफ, ताजा और गरम खाना ही खाएं

🔹 डॉक्टर से कब मिलें? इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें
लगातार सांस फूल रही हो
– सीने में दबाव या दर्द महसूस हो
– सांस लेते वक्त आवाज के साथ घरघराहट हो
– नींद में अचानक सांस रुकने का अनुभव हो

📢 हमारी आपसे अपील:
अगर आपको या आपके घर के किसी सदस्य को मानसून में सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो इसे हल्के में न लें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें| जुड़े रहें हमारे साथ ऐसी जरूरी लोकल और हेल्थ अपडेट्स के लिए।

इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता और शैक्षणिक उद्देश्य से साझा की गई है। यह किसी भी तरह की चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या उपचार के लिए अपने चिकित्सक या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें। लेख में दी गई जानकारी की सटीकता और प्रभाव को लेकर भिलाई की पत्रिका न्यूज़ की कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी।

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