भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : बारिश आई और सांपों का खतरा भी बढ़ा!
मानसून का मौसम जहां राहत लेकर आता है, वहीं अपने साथ एक और गंभीर खतरा भी लाता है – सांपों का बढ़ता आतंक। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां मेडिकल सुविधाएं सीमित हैं, वहां सांप का एक डंस जानलेवा साबित हो सकता है।
🏡 क्यों मानसून में बढ़ जाता है सांपों का खतरा?
बारिश के पानी से ज़मीन में दरारें भर जाती हैं और ठंडक बढ़ जाती है। ऐसे में सांप अपने बिल छोड़कर सूखी और सुरक्षित जगहों की तलाश में घरों, दुकानों, खेतों और जंगलों में घुस आते हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल 30 से 40 लाख लोग सर्पदंश का शिकार बनते हैं। इनमें से करीब 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से सिर्फ 30% लोग ही अस्पताल पहुंच पाते हैं।
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🧠 कैसे पहचानें जोखिम वाली जगहें?
सर्प विशेषज्ञ लखन लाल मालवीय बताते हैं कि मानसून में सांप इन जगहों पर ज्यादा दिखते हैं –
– नदी-तालाब और पानी भरे गड्ढों के पास
– झाड़ियां, खेत और बगीचे
– अधूरी इमारतें और कंस्ट्रक्शन साइट्स
– पहाड़ी रास्ते, ट्रेकिंग एरिया
– बांस के जंगल
– घरों के आसपास का कचरा, दरारें, खुली नालियां
🔐 कैसे बचाएं अपना घर और परिवार?
– ज़मीन पर सोते हैं तो मच्छरदानी ज़रूर लगाएं
– घर के आसपास कचरा, लकड़ी, घास जमा न होने दें
– दरवाजों-खिड़कियों में जाली और डोर स्वीप्स लगाएं
– नालियों को ढककर रखें
⛺ जंगल या खेतों में जाएं तो ये सावधानी रखें:
– लॉन्ग बूट्स पहनें
– चलते समय लकड़ी से ज़मीन पर ठक-ठक करें
– गड्ढों, लकड़ियों, पत्थरों से दूरी बनाएं
🐍 अगर घर में सांप दिख जाए तो क्या करें?
– घबराएं नहीं, शांत रहें और सांप से दूरी बनाएं
– केरोसिन या फिनाइल की गंध से सांप भागते हैं
– वन विभाग या सर्प विशेषज्ञ को तुरंत बुलाएं
– खुद पकड़ने की कोशिश न करें
– हेल्पलाइन नंबर: 9917109666 (Wildlife SOS)
☠️ भारत के 4 सबसे ज़हरीले सांप:
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कोबरा – सांस रोकने वाला न्यूरोटॉक्सिक जहर
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रसेल वाइपर – खून जमाने वाला हीमोटॉक्सिक जहर
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करैत – तंत्रिका तंत्र पर सीधा असर
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सॉ-स्केल्ड वाइपर – दर्द, सूजन और आंतरिक ब्लीडिंग
🩸 कैसे पहचानें कि काटने वाला सांप ज़हरीला है या नहीं?
गैर-विषैले सांप:
– हल्का दर्द, दो छोटे दांत के निशान
– सूजन और हल्की लालिमा
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विषैले सांप:
– तेज दर्द, जलन, सूजन, रंग बदलना
– उल्टी, चक्कर, सांस लेने में तकलीफ
– बेहोशी, कमजोरी, पसीना, पक्षाघात
🆘 सांप के काटने पर तुरंत करें ये 5 काम:
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पीड़ित को सीधा लिटाएं, हिलने न दें
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अंगूठी, चेन, पायल, जूते-चप्पल तुरंत हटाएं
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जिस अंग पर काटा गया हो, उसे नीचे रखें
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सांप की पहचान (यदि सुरक्षित हो तो) करें
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तुरंत अस्पताल ले जाएं
🚫 ये 4 गलतियां भूलकर भी न करें:
– घबराएं नहीं, इससे जहर तेजी से फैलता है
– अंग को न हिलाएं
– सांप को मारने या पकड़ने की कोशिश न करें
– घरेलू इलाज या झाड़-फूंक में समय न गंवाएं
💉 इलाज कैसे होता है?
डॉ. रोहित शर्मा बताते हैं कि इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि सांप किस प्रजाति का था। कोबरा और करैत के न्यूरोटॉक्सिक जहर से पैरालिसिस और सांस फूलने की स्थिति बनती है, जबकि रसेल वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर का जहर धीरे-धीरे असर करता है और ब्लड क्लॉटिंग जैसी समस्याएं लाता है।
❤️ अंत में अपील:
गांव हो या शहर, मानसून में सतर्कता ही जीवन रक्षा है। जानकारी ही सबसे बड़ा हथियार है।
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