भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : कैबिनेट का बड़ा फैसला: अब पुरानी गाड़ी का फैंसी नंबर ले सकेंगे नई गाड़ी में, राज्य सरकार ने दी मंजूरी
(CG) वाहन मालिकों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार की कैबिनेट ने शुक्रवार को एक ऐसा निर्णय लिया है, जिससे हजारों लोगों को बड़ी सहूलियत मिलेगी।
अब अगर किसी गाड़ी का मनचाहा या फैंसी नंबर है, और वह गाड़ी कंडम या पुरानी हो गई है, तो वही नंबर नई गाड़ी में दोबारा लिया जा सकेगा।

इसके लिए वाहन मालिकों को अपने पुराने वाहन का पंजीयन निरस्त कराना होगा और कंडम वाहन का विधिपूर्वक दस्तावेज परिवहन विभाग को देना होगा। तय शुल्क जमा करने के बाद वही नंबर नई गाड़ी में ट्रांसफर हो सकेगा।
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अब तक की थी ये परेशानी
अब तक जो लोग च्वाइस नंबर के लिए मोटी रकम चुकाते थे, उन्हें वाहन पुराना होने पर दोबारा उसी नंबर के लिए नीलामी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। इसके बाद भी उन्हें वही नंबर दोबारा नहीं मिल पाता था।
लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब नीलामी की प्रक्रिया के बिना ही वाहन मालिकों को उनका पुराना पसंदीदा नंबर वापस मिल सकेगा।
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दूसरे राज्य में बेचने पर भी मिलेगा वही नंबर
अगर आपने अपनी च्वाइस नंबर वाली गाड़ी दूसरे राज्य में बेच दी है, तो भी आप यहां अपने नए वाहन में वही नंबर ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए उस राज्य से NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लाना जरूरी होगा।
सामान्य नंबर भी लिया जा सकेगा
अगर आपकी पुरानी गाड़ी का नंबर च्वाइस नहीं था, फिर भी आप उसे नई गाड़ी में लेना चाहें, तो तय शुल्क देकर वह भी संभव होगा। ये जानकारी सचिव परिवहन एस. प्रकाश और परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर ने दी।
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गरीब, युवा और महिलाओं के लिए नया अवसर – मिलेगा कौशल विकास और विदेश में रोजगार का मौका
राज्य सरकार ने युवाओं, महिलाओं, आदिवासियों और थर्ड जेंडर के लिए एक नई योजना पर काम शुरू कर दिया है।
पैन-आईआईटी की मदद से इन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार दिलाने के लिए कौशल के साथ विदेशी भाषा की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में इस पर भी फैसला हुआ कि एक गैर-लाभकारी जॉइंट वेंचर कंपनी बनाई जाएगी, जो वंचित तबकों के लिए काम करेगी।
इस योजना में आदिवासी उपयोजना और अनुसूचित जाति उपयोजना की बची राशि का उपयोग किया जाएगा। इससे लोगों की आजीविका और सामाजिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा।
पैन-आईआईटी प्रशिक्षकों को भी ट्रेनिंग देगा, जिसके लिए जिला प्रशासन आवश्यक शासकीय भवनों की पहचान कर उन्हें कंपनी को सौंपेगा।
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