ऑपरेशन कगार' से डरे नक्सली, फिर मांगी शांति वार्ता! बोले- सरकार हमारे लीडर को मारना चाहती है..

भिलाई की पत्रिका न्यूज़'ऑपरेशन कगार' से कांप उठे नक्सली, चौथी बार शांति वार्ता की लगाई गुहार

कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में चारों ओर से घिरे नक्सली अब लगातार बैकफुट पर आते दिख रहे हैं। 'ऑपरेशन कगार' के चलते अब उन्होंने चौथी बार सरकार को शांति वार्ता के लिए लेटर भेजा है। इस बार सीधे नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने कहा है कि सरकार बिना शर्त बातचीत शुरू करे, वरना हालात और बिगड़ सकते हैं।

ऑपरेशन कगार में घिरे नक्सली – जवानों ने कर्रेगुट्टा में की बड़ी घेराबंदी

इस बार के पत्र में नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि सरकार उनके बड़े लीडर की हत्या की तैयारी में है। लेटर में यह भी दावा किया गया कि वे शांति चाहते हैं, लेकिन सरकार का रवैया उल्टा है।

कर्रेगुट्टा में घिरे हिड़मा, दामोदर और देवा

छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर फिलहाल निर्णायक लड़ाई की स्थिति बन चुकी है। पिछले 8 दिनों से यहां करीब 10 हजार से ज्यादा जवानों ने मोर्चा संभाल रखा है। बताया जा रहा है कि इस इलाके में नक्सलियों के बड़े चेहरे – हिड़मा, दामोदर और देवा – फंस चुके हैं।

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सेंट्रल कमेटी की अपील – बातचीत को दें मौका

नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने अपने पत्र में कहा है, "हम पहले भी शांति वार्ता के पक्ष में रहे हैं। मैंने 28 मार्च को बयान जारी किया था, साथी रूपेश ने भी दो बार प्रेस विज्ञप्ति देकर समाधान की अपील की थी।"

पत्र में ये भी कहा गया है कि PLGA को सशस्त्र कार्रवाई रोकने का आदेश दिया गया है, ताकि माहौल सामान्य हो सके।

10 हजार जवानों की तैनाती, घेराबंदी तेज

पत्र में खुद नक्सलियों ने माना है कि कर्रेगुट्टा इलाके में तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस ऑपरेशन के तहत न सिर्फ उनके तीन साथियों की हत्या हुई, बल्कि नेतृत्व को भी निशाना बनाया जा रहा है।

स्थानीय लोगों में इस ऑपरेशन को लेकर उत्सुकता और भय दोनों है। कुछ लोगों ने बताया कि आस-पास के गांवों में सुरक्षा बलों की हलचल से डर का माहौल है।

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IB चीफ पहुंचे रायपुर, कर रहे हैं बड़ी बैठकें

इस पूरे मामले को लेकर अब इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के चीफ तपन डेका रायपुर पहुंचे हैं। पुलिस मुख्यालय में वे नक्सल मामलों की समीक्षा कर रहे हैं। उनके साथ डीजीपी अरुण देव गौतम और एडीजी विवेकानंद सिन्हा भी बैठक में मौजूद हैं।

शाह ने दिया था 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का अल्टीमेटम

गृहमंत्री अमित शाह पहले ही एलान कर चुके हैं कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा कर दिया जाएगा। उन्होंने रायपुर और जगदलपुर में मंच से साफ कहा था – "हथियार डालो, नहीं तो हमारे जवान निपट लेंगे।"

शाह की इस चेतावनी के बाद बस्तर में ऑपरेशन की रफ्तार और तेज कर दी गई है।

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