भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के सेलूद क्षेत्र से गुजरने वाली तांदुला नहर में दो दोस्तों की दर्दनाक मौत हो गई। दोनों युवक नया रायपुर स्थित मंत्रालय में कार्यरत थे। यह हादसा 14 अप्रैल को उस समय हुआ जब तीन दोस्त धमतरी जिले में स्थित बिलाई माता मंदिर के दर्शन कर लौट रहे थे। वापसी के दौरान जब उन्होंने नहर का तेज बहाव देखा, तो वहां कुछ समय रुककर मस्ती करने लगे।
तेज बहाव में फिसलकर बहे दोस्त, दूसरा बचाने कूदा
प्रहलाद यादव (40 वर्ष) नहर किनारे पैर डाले बैठा था कि अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया और वह तेज बहते पानी में गिर गया। उसके पीछे-पीछे उसका दोस्त नंद किशोर धुरवे (38 वर्ष) उसे बचाने के लिए नहर में कूद पड़ा, लेकिन वह भी बह गया। तीसरा साथी उस समय गाड़ी में बैठकर किसी से फोन पर बात कर रहा था। घटना देखकर उसने शोर मचाया और आसपास के लोगों को बुलाया।
पुलिस और SDRF ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
यह मामला उतई थाना क्षेत्र का है। घटना की खबर मिलते ही स्थानीय लोग, पुलिस और SDRF की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक दोनों युवक पानी में समा चुके थे। अगले दिन प्रहलाद यादव का शव चार किलोमीटर दूर बहता हुआ मिला। वहीं, नंद किशोर धुरवे का शव 36 घंटे की तलाश के बाद SDRF की टीम ने मंगलवार सुबह बरामद किया।
प्रहलाद का शव बहते हुए मिला दूर
SDRF प्रभारी नागेंद्र कुमार सिंह के अनुसार, 14 अप्रैल की शाम को नहर में पानी का स्तर घटने के बाद प्रहलाद यादव का शव उतई और सेलूद के बीच मिला। पानी में 24 घंटे रहने के कारण उसका शव ऊपर आ गया था। टीम ने शव को बाहर निकाल कर पुलिस को सौंपा।
नंद किशोर का शव 36 घंटे बाद मिला
दूसरे युवक नंद किशोर की तलाश मंगलवार सुबह से जारी थी। SDRF की टीम ने उसे नहर की गहराई में खोज निकाला और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
नया रायपुर मंत्रालय में कार्यरत थे दोनों युवक
प्रहलाद यादव धनौरा गांव का निवासी था, जबकि नंद किशोर धुरवे सुभाष नगर बोरसी का रहने वाला था। दोनों नया रायपुर स्थित मंत्रालय में कार्यरत थे और छुट्टी पर घर आए हुए थे। रविवार को वे माता के दर्शन के लिए धमतरी गए थे। हादसे की खबर मिलने के बाद दोनों परिवारों में मातम छा गया है।
नहर की गहराई और तेज बहाव बना हादसे का कारण
SDRF प्रभारी ने बताया कि तांदुल जलाशय से हर साल नहर में पानी छोड़ा जाता है, जिससे भिलाई स्टील प्लांट के मरोदा डैम को भरने के साथ किसानों और अन्य लोगों की जरूरतें पूरी की जाती हैं। इस समय नहर की गहराई करीब 15 फीट थी और बहाव बहुत तेज था। इसी कारण दोनों युवक पानी में गिरते ही बह गए। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सिंचाई विभाग की मदद से नहर में पानी का प्रवाह अस्थायी रूप से रोका गया था।
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