भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : महाराष्ट्र के पुणे में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बस ड्राइवर ने अपनी कंपनी से वेतन कटौती और दिवाली बोनस न मिलने से नाराज होकर खौफनाक साजिश रच दी। उसने बदला लेने के इरादे से कंपनी की मिनी बस में आग लगा दी, जिससे चार कर्मचारियों की दर्दनाक मौत हो गई और छह अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस जांच में सामने आया कि यह हादसा पूर्व नियोजित था। हिंजेवाड़ी स्थित आईटी कंपनी व्योम ग्राफिक्स के इस बस ड्राइवर ने वारदात को अंजाम देने के लिए प्लास्टिक निर्माण में इस्तेमाल होने वाले ज्वलनशील रसायन बेंजीन (Benzene) का उपयोग किया। उसने इस केमिकल को एक बोतल में भरकर ड्राइवर सीट के नीचे छिपा दिया था।
घटना के दिन बस में कुल 12 कर्मचारी सवार थे। जब बस हिंजेवाड़ी पहुंची, तो ड्राइवर ने कपड़े के टुकड़ों में माचिस से आग लगाई, जिससे बेंजीन की वजह से आग तेजी से फैल गई। कुछ ही पलों में पूरी बस जलने लगी।
बस के अगले हिस्से में बैठे ड्राइवर और अन्य लोग सुरक्षित बाहर कूद गए, जबकि पीछे बैठे कर्मचारी बस के अंदर ही फंस गए। बस का पिछला दरवाजा बंद था, जिसे वे खोल नहीं सके। इस भयावह हादसे में चार इंजीनियरों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान सुभाष भोसले (42), शंकर शिंदे (60), गुरुदास लोकरे (40) और राजू चव्हाण (40) के रूप में हुई है।
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि आग जानबूझकर लगाई गई थी। आरोपी ड्राइवर जनार्दन हंबार्डिकर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है।
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