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धान खरीदी शुरू, पर टोकन गायब! तुंहर-टोकन ऐप फेल… 25 लाख किसान परेशानी में, बड़े जिलों में भी नहीं मिला स्लॉट..


भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : धान खरीदी आज से, पर टोकन बिन किसान बेहाल—तुंहर टोकन ऐप बैठा, 25 लाख किसान इंतजार में

छत्तीसगढ़ में आज 15 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो गई है। 3,100 रुपए प्रति क्विंटल पर धान बेचने का मौका तो है, लेकिन किसानों के हाथ में सबसे जरूरी चीज—टोकन—है ही नहीं।तुंहर हाथ ऐप पूरी तरह फेल हो चुका है, और किसान रजिस्ट्रेशन कर ही नहीं पा रहे।

गांवों में सुबह से लाइनें दिखीं, पर सिस्टम ने साथ नहीं दिया।
रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग जैसे बड़े जिलों में भी हालात एक जैसे हैं—“धान तैयार है, पर टोकन नहीं…”

Chhattisgarh Dhan Kharidi Token Crisis – tunhar token app fail hone se kisanon ko dhan bechne me dikhlo, registration problem

प्रदेशभर में टोकन संकट—किसान बेचैन, माथे पर चिंता

सरकार ने टोकन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था शुरू की, लेकिन समस्या जस की तस है।कई जिलों में किसानों को आज तक टोकन नहीं मिले।रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा, रायगढ़ और दुर्ग—हर जगह किसान परेशानी में हैं।

  • सिस्टम लॉग इन नहीं हो रहा

  • “टोकन पंजीयन फिलहाल बंद है” का मैसेज

  • प्ले स्टोर पर ऐप का नया वर्जन नहीं

किसानों के सामने खरीदी का दिन है… पर टोकन अब भी गायब।

कंप्यूटर ऑपरेटर हड़ताल पर—प्रक्रिया और बिगड़ी

प्रदेश में कंप्यूटर ऑपरेटरों की हड़ताल जारी है।इससे रजिस्ट्रेशन और टोकन काटने की पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई है।

कई केंद्रों पर कुर्सियाँ खाली पड़ी हैं, किसान हाथ में मोबाइल लिए सिर्फ एक मैसेज पढ़ रहे—“टोकन बंद है…”

जिलेवार टोकन की स्थिति—कहां क्या हाल

रायपुर

  • 1,34,037 किसान पंजीकृत

  • 139 उपार्जन केंद्र

  • चेक पोस्ट तक बना दिए, पर टोकन नहीं मिले

दुर्ग

  • 1,12,446 किसान रजिस्टर्ड

  • अब तक सिर्फ 61 टोकन जारी

  • अधिकांश किसान उलझन में

बिलासपुर

  • 1,12,252 किसान

  • 140 केंद्र

  • स्टाफ हड़ताल पर, दूसरे विभागों के कर्मचारी लगाए गए

  • खरीदी सोमवार से

बस्तर

  • 48 हजार+ किसान

  • 79 केंद्र

  • ऑपरेटर एजेंसी द्वारा नियुक्त

  • टोकन न मिलने की वजह से आज भीड़ कम रहेगी

रायगढ़

  • 105 उपार्जन केंद्र

  • 81,500 किसान रजिस्टर्ड

  • खरीदी 15 नवंबर से 31 जनवरी तक

सरगुजा

  • 54 केंद्र

  • ट्रायल रन पूरा

  • पुराने स्टाफ की हड़ताल, नए प्रभारी तैनात

  • लक्ष्य: 39,02,190 क्विंटल

किसानों की समस्या—सीधे ज़मीनी आवाज़

दुर्ग के किसान नागेंद्र चंद्राकर बताते हैं—
“आधी फसल कट गई, आधी बाकी है… हड़ताल ने सब गड़बड़ कर दिया। प्रक्रिया काम ही नहीं कर रही।”

रायपुर के किसान पारसनाथ साहू बोले—
“ऐप बंद है, पंजीयन ही नहीं हो रहा। इस बार खरीदी आसान नहीं लगती…”

तुंहर टोकन ऐप—कैसे काम करता है, पर अभी बंद

धान बेचने के लिए किसान को ऐप से टोकन लेना जरूरी है।
8 से 5 बजे के बीच टोकन कटते हैं, लेकिन ऐप बंद होने के कारण कोई रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा।

  • छोटे किसान: 1 टोकन

  • 2–10 एकड़: 2 टोकन

  • 10+ एकड़: 3 टोकन

ऑनलाइन 70% और ऑफलाइन 30% टोकन की व्यवस्था है, पर ऐप बंद होने से सिस्टम रुक गया है।

सरकार की वैकल्पिक व्यवस्था भी अटकी

हड़ताल के कारण सरकार ने रोजगार कार्यालयों से नए स्टाफ की भर्ती की है।
लेकिन सर्वर और डेटा की दिक्कतें इतनी बड़ी हैं कि किसान पंजीकरण तक नहीं करा पा रहे।

कई स्थानों पर किसान कहते सुने गए—
“कर्मचारी बदल देओ… पर सिस्टम तो ठीक चलोना चाहिए…”

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