भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : रायगढ़ जिले में JPL कोयला खदान के खिलाफ चल रहे धरने के दौरान हालात उस वक्त बेकाबू हो गए, जब प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जोरदार टकराव हो गया। उग्र भीड़ के हमले में तमनार थाना की थाना प्रभारी कमला पुषाम को लात मारी गई, जिससे वह घायल होकर बेहोश हो गईं और जमीन पर गिर पड़ीं।
इस घटना में SDOP अनिल विश्वकर्मा समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए। कुछ घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल पुलिसकर्मियों को रायगढ़ रेफर किया गया। हालात इतने बिगड़े कि भीड़ ने पुलिस की गाड़ियों और एंबुलेंस तक में आग लगा दी।
मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रायगढ़ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि पिछले 15 दिनों से ग्रामीण शांतिपूर्वक धरने पर बैठे थे। दोपहर करीब ढाई बजे कुछ लोगों ने प्रदर्शनकारियों को भड़का दिया, जिसके बाद अचानक पथराव शुरू हो गया। पुलिसकर्मियों को चोटें आईं और कई सुरक्षाकर्मियों को अपनी जान बचाकर पीछे हटना पड़ा।
कलेक्टर ने बताया कि इसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने दोबारा ग्रामीणों से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ लगातार उग्र बनी रही। बातचीत के दौरान फिर से पथराव हुआ। घायलों का इलाज रायगढ़ में जारी है।
जानिए क्या है पूरा मामला
यह विवाद 8 दिसंबर 2025 को धौराभाठा में हुई जनसुनवाई के विरोध से जुड़ा है। JPL कोयला खदान सेक्टर-1 कोल ब्लॉक से प्रभावित 14 गांवों के लोग 12 दिसंबर से धरने पर बैठे हैं। सुबह करीब 9 बजे लगभग 300 ग्रामीण लिबरा चौक पर इकट्ठा हुए और सड़क पर बैठकर आवागमन रोक दिया।
स्थिति बिगड़ती देख सुबह करीब 10 बजे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने लोगों को समझाइश दी और धरना स्थल पर लगे टेंट में वापस भेजा। कुछ देर के लिए माहौल शांत हुआ, लेकिन तनाव बना रहा।
भीड़ की संख्या करीब 1000 तक पहुंची
जिला प्रशासन के अनुसार आसपास के गांवों से और लोग मौके पर पहुंचते गए। दोपहर तक भीड़ की संख्या करीब 1000 के आसपास हो गई। घरघोड़ा के एसडीएम और पुलिस अधिकारी लगातार माइक से शांति बनाए रखने की अपील करते रहे, लेकिन भीड़ बार-बार सड़क पर आकर रास्ता रोकने की कोशिश करती रही।
दोपहर करीब ढाई बजे अचानक हालात बिगड़ गए। भीड़ ने पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए और पत्थर व डंडों से हमला शुरू कर दिया। पुलिस पर जमकर पथराव और लाठियां चलीं। कई पुलिसकर्मी और महिला आरक्षक घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
जिंदल के कोल हैंडलिंग प्लांट में आगजनी
प्रशासन के मुताबिक उग्र भीड़ ने मौके पर खड़ी पुलिस बस, जीप और एंबुलेंस में आग लगा दी। कई अन्य सरकारी वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया। इसके बाद भीड़ जिंदल के कोल हैंडलिंग प्लांट पहुंची, जहां कन्वेयर बेल्ट, दो ट्रैक्टर और अन्य वाहनों में आग लगा दी गई। प्लांट के दफ्तर में भी तोड़फोड़ की गई।
अधिकारियों की मौजूदगी में भी उग्रता
स्थिति संभालने के लिए लैलूंगा की विधायक विद्यावती सिदार, रायगढ़ कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक खुद मौके पर पहुंचे, लेकिन भीड़ और ज्यादा उग्र हो गई। अधिकारियों की मौजूदगी में भी पथराव हुआ और भीड़ दोबारा प्लांट की ओर जाकर आगजनी करती रही।
फिलहाल इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। प्रशासन के मुताबिक हालात काबू में हैं। पुलिस उपद्रव में शामिल लोगों की पहचान कर रही है और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।
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