भिलाई की पत्रिका न्यूज़ :बिना अनुमति कॉल रिकॉर्ड करना सिर्फ अनैतिक नहीं, बल्कि कानूनन जुर्म भी है।
आज हर कोई स्मार्टफोन पर दिनभर बातें करता है, चाहे वो पर्सनल बातें हों या बिजनेस की। लेकिन अगर किसी ने आपकी कॉल बिना पूछे रिकॉर्ड कर ली — और उसका इस्तेमाल आपको धमकाने या बदनाम करने के लिए किया — तो ये सीधे आपकी निजता का हनन है। और ये एक दंडनीय अपराध भी है।
क्या है कानून का नजरिया?
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट सरोज कुमार सिंह बताते हैं कि भारत में कॉल रिकॉर्डिंग को लेकर कोई एक कानून नहीं है। लेकिन कई धाराएं मिलकर इसका कानूनी ढांचा बनाती हैं। तीन मुख्य कानून हैं, जो इस पर लागू हो सकते हैं:
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसलों से जानें:
🔹 पुट्टास्वामी बनाम भारत सरकार (2017):
बिना सहमति कॉल रिकॉर्ड करना निजता का उल्लंघन माना गया। सरकारी एजेंसियां भी तभी रिकॉर्डिंग कर सकती हैं जब वो कानून के तहत हो और सार्वजनिक हित में हो।

मानव रंजन त्रिपाठी बनाम यूपी राज्य (2022):
राजनीतिक शख्स द्वारा कॉल रिकॉर्डिंग कर वायरल करना – कोर्ट ने इसे निजता का हनन बताया और IT एक्ट व IPC की धाराएं लागू मानीं।
राजतिलक दास केस (2009):
पति ने पत्नी की कॉल्स रिकॉर्ड कर कोर्ट में पेश की। कोर्ट ने कहा बिना सहमति रिकॉर्डिंग वैवाहिक विवाद में सीमित रूप से ही इस्तेमाल की जा सकती है।
आर.एम. मलकानी केस (1973):
अगर रिकॉर्डिंग करने वाला खुद बातचीत में शामिल है और कोई कानून नहीं टूट रहा, तो रिकॉर्डिंग गैरकानूनी नहीं मानी जाएगी।
जुल्फिकार नासिर केस (2013):
बातचीत में शामिल होने पर अनुमति के बिना भी रिकॉर्डिंग कानूनी मानी गई।
📱 मोबाइल में पहले से ऑन कॉल रिकॉर्डिंग – अपराध है क्या?
अगर आप खुद उस कॉल में शामिल हैं और रिकॉर्ड कर रहे हैं, तो ये अपराध नहीं है। लेकिन इसका इस्तेमाल धमकी, ब्लैकमेल या बदनाम करने के लिए किया गया तो यह दंडनीय है।
विज्ञापन
कॉल रिकॉर्डिंग करते समय ध्यान देने वाली बातें:
✔️ बातचीत शुरू होने से पहले सामने वाले को सूचित करें
✔️ रिकॉर्डिंग सिर्फ कानूनी जरूरतों, सेवा सुधार या दस्तावेज़ के रूप में रखें
✔️ रिकॉर्डिंग को पासवर्ड/एन्क्रिप्शन से सुरक्षित रखें
✔️ दूसरों की बातचीत चुपके से रिकॉर्ड करना या हैकिंग करना गैरकानूनी है
⚖️ कोर्ट में सबूत के तौर पर इस्तेमाल संभव है?
हां, अगर रिकॉर्डिंग वैध तरीके से की गई है — मतलब रिकॉर्डिंग करने वाला खुद उस बातचीत में शामिल है — तो वह कोर्ट में सबूत के तौर पर मानी जा सकती है। लेकिन कोर्ट यह जांचेगा कि रिकॉर्डिंग से किसी की निजता का उल्लंघन तो नहीं हुआ।
🔍 कैसे पहचानें कि आपकी कॉल रिकॉर्ड की जा रही है?
📌 कॉल के दौरान बैकग्राउंड में क्लिकिंग या बीप की आवाज
📌 आवाज में रुकावट या लैग
📌 बातचीत के बीच किसी तीसरे शख्स की आवाज
ये सभी संकेत हो सकते हैं कि कॉल रिकॉर्ड हो रही है।
विज्ञापन
यह भी पढ़े -भिलाई में प्लांट में महिला मजदूर ने लगाई फांसी , पुलिस जांच में जुटी..
धमकी या ब्लैकमेल हो तो क्या करें?
अगर कोई आपको धमका रहा है और आप उस कॉल का हिस्सा हैं, तो आप उसकी रिकॉर्डिंग कर सकते हैं। लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ कानूनी कार्रवाई के लिए करें — सोशल मीडिया पर वायरल करना आपको ही मुश्किल में डाल सकता है।
कॉल सेंटर की रिकॉर्डिंग पर क्या नियम हैं?
जब आप कॉल सेंटर या कस्टमर केयर को कॉल करते हैं, तो शुरुआत में बता दिया जाता है कि कॉल रिकॉर्ड की जाएगी — यह आपकी सहमति मानी जाती है।
वीडियो कॉल्स पर भी यही कानून लागू?
हां, वीडियो कॉल्स भी निजता के अंतर्गत आती हैं। बिना अनुमति वीडियो रिकॉर्डिंग, उसे वायरल करना या बदनाम करने के लिए इस्तेमाल करना भी अपराध है। इस पर IT एक्ट की धारा 66E और BNS की धाराएं लागू हो सकती हैं।
📍 स्थानीय जागरूकता ज़रूरी है। कई लोग आज भी नहीं जानते कि उनकी कॉल रिकॉर्ड हो रही है या उसका दुरुपयोग हो सकता है। ऐसे में आपके अधिकारों को जानना और दूसरों को भी बताना बेहद ज़रूरी है।
📢 आपका अधिकार आपकी ताक़त है – इसे जानें, साझा करें|
यह भी पढ़े -राशन कार्ड में मोबाइल नंबर अपडेट कैसे करें? जानिए ऑनलाइन व ऑफलाइन तरीका स्टेप-बाय-स्टेप
यह भी पढ़े - कांकेर में दर्दनाक हादसा: दोस्त को छोड़ने निकले 5 दोस्त, पुल से टकराई कार, 4 की जिंदा जलकर मौत..
यह भी पढ़े - मानसून में सुबह उठते ही गले में खराश? अपनाएं ये 5 घरेलू उपाय, वरना बढ़ सकती है परेशानी.
यह भी पढ़े -मानसून में भीगे कपड़ों से बदबू और फंगस से पाएं छुटकारा – ये आसान देसी उपाय आपके काम जरूर आएंगे..
भिलाई की पत्रिका न्यूज़ के whatsup ग्रुप से जुड़ने के लिए लिंक पर क्लिक कर ज्वाइन करे |
https://chat.whatsapp.com/H8ycgPvlgfBFPAHM2dXPhK