भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : रायपुर।छत्तीसगढ़ में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद बड़ा खुलासा सामने आया है। राज्य की ड्राफ्ट मतदाता सूची से 27 लाख से ज्यादा लोगों के नाम काट दिए गए हैं, जिससे आम मतदाताओं के बीच चिंता और सवाल दोनों बढ़ गए हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के मुताबिक, कुल 1 करोड़ 84 लाख 95 हजार 920 मतदाताओं से एनरोलमेंट फॉर्म (EF) जमा कराए गए थे। घर-घर किए गए सर्वे और भौतिक सत्यापन के बाद 27 लाख 34 हजार 817 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं।
SIR रिपोर्ट के अनुसार, 6 लाख 42 हजार 234 मतदाताओं की मौत हो चुकी है। वहीं 19 लाख 13 हजार 540 मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित या सर्वे के दौरान अनुपस्थित पाए गए। इसके अलावा 1 लाख 79 हजार 43 ऐसे मतदाता मिले, जिनके नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज थे। इन्हीं कारणों से नाम काटे गए हैं।
ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को निर्वाचन आयोग की वेबसाइट election.cg.gov.in/ASDList/ पर ऑनलाइन देखा जा सकता है। मतदाता वेबसाइट पर जाकर लिंक के जरिए अपना नाम जांच सकते हैं। ऑफलाइन जानकारी के लिए अपने बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से संपर्क करने का विकल्प भी दिया गया है।
यह पूरी प्रक्रिया 7 नवंबर से शुरू होकर करीब 45 दिन तक चली। इस दौरान हजारों बीएलओ ने घर-घर जाकर मतदाताओं का भौतिक सत्यापन किया। जिन लोगों के नाम ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल नहीं हैं, उन्हें चुनाव आयोग की ओर से नोटिस देकर नाम दोबारा जुड़वाने का मौका दिया जाएगा।
दावा और आपत्ति की प्रक्रिया 23 दिसंबर 2025 से 22 जनवरी 2026 तक चलेगी। सुनवाई और सत्यापन 23 दिसंबर 2025 से 14 फरवरी 2026 तक होंगे। अंतिम वोटर लिस्ट 21 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
मतदाता ceochhattisgarh.nic.in, voters.eci.gov.in, ECINET मोबाइल ऐप, BLO या जिला निर्वाचन कार्यालय के माध्यम से अपना नाम देख सकते हैं। नाम EPIC नंबर, विधानसभा व भाग संख्या, जिला, गांव या बूथ नंबर के जरिए भी खोजा जा सकता है।
यदि ड्राफ्ट लिस्ट में नाम नहीं मिलता है, तो पहले अपनी व्यक्तिगत जानकारी की जांच करने और यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि कहीं नाम एब्सेंट, शिफ्टेड या डेड कैटेगरी में तो नहीं डाला गया। इसके बाद संबंधित बीएलओ से संपर्क कर कारण जाना जा सकता है।
नाम जुड़वाने के लिए बीएलओ या एसडीएम कार्यालय में पहचान दस्तावेजों के साथ आपत्ति दर्ज करानी होगी। फॉर्म-6 और घोषणा पत्र के जरिए नए और पुराने मतदाता भी नाम शामिल करवा सकते हैं।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिना सुनवाई के किसी भी मतदाता का नाम अंतिम सूची से नहीं हटाया जाएगा। ड्राफ्ट और फाइनल लिस्ट राजनीतिक दलों के साथ भी साझा की गई है, और ERO के फैसले के खिलाफ अपील का प्रावधान भी रखा गया है।
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