भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : रायपुर। इंडिगो एयरलाइंस की हजारों उड़ानें अचानक कैंसिल और लेट होने से यात्री लगातार परेशान हैं। चार दिनों के अंदर करीब 3450 से अधिक फ्लाइट्स रद्द हुईं, जिसके बाद छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने एयरलाइन के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए लीगल नोटिस जारी कर दिया है। सोसायटी ने केंद्र सरकार से इंडिगो पर 9 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने और पीड़ित यात्रियों को टिकट कीमत का 10 गुना मुआवजा देने की मांग की है।
सोसायटी के संयोजक डॉक्टर कुलदीप सोलंकी ने यह नोटिस सीधे इंडिगो एयरलाइंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेजा है। नोटिस में लिखा गया है कि यात्रा रद्द होने की यह स्थिति न सिर्फ यात्रियों के अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि भारतीय कानूनों और नागरिक उड्डयन नियमों की भी सीधी अवहेलना है।

नोटिस के अनुसार इंडिगो एयरलाइंस ने बिना पूर्व सूचना और बिना किसी स्पष्ट कारण बताए हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाओं को बाधित किया, जिससे लोगों को आर्थिक नुकसान, मानसिक कष्ट और समय की भारी हानि का सामना करना पड़ा। प्रभावित यात्रियों में वरिष्ठ नागरिक, बच्चे, महिलाएं, रोगी और व्यवसायी बड़ी संख्या में शामिल बताए जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने अपने नोटिस में इंडिगो के इस कदम को भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, विमानन नियमों और DGCA के दिशा-निर्देशों का गंभीर उल्लंघन बताते हुए इसे घोर अनुबंधभंग और सेवा में कमी का मामला कहा है।
नोटिस में इंडिगो को आदेशित किया गया है कि हर प्रभावित यात्री को उसके टिकट मूल्य का कम से कम दस गुना मुआवजा दिया जाए और होटल, वैकल्पिक यात्रा, चिकित्सा खर्च जैसे सभी प्रत्यक्ष नुकसान की राशि पांच कार्य दिवसों के भीतर वापस की जाए। साथ ही एयरलाइन को इतने बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन के सही कारणों का सार्वजनिक विवरण भी जारी करना होगा।
सोसायटी ने बताया है कि पीड़ित यात्रियों की ओर से इस पूरे मामले को प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री तक भेजा गया है। शिकायत में DGCA द्वारा विशेष जांच, इंडिगो पर 9000 करोड़ का जुर्माना लगाने और भविष्य में ऐसी स्थिति रोकने के लिए कड़े कानून बनाने की मांग रखी गई है।
नोटिस में चेतावनी दी गई है कि अगर निर्धारित समय में मुआवजा और जवाबदेही नहीं मिली तो प्रभावित यात्रियों के साथ मिलकर निम्न कानूनी कदम उठाए जाएंगे— राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में सामूहिक मुकदमा, संबंधित दीवानी न्यायालयों में अनुबंधभंग की कार्रवाई और DGCA व दूसरे प्राधिकरणों के सामने आपराधिक शिकायत दर्ज करना शामिल है।
सोसायटी ने कहा है कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं में आने वाले खर्च और हर्जाने की जिम्मेदारी पूरी तरह इंडिगो एयरलाइन की होगी, क्योंकि यह स्थिति उसकी मनमानी और गैर-जिम्मेदाराना नीतियों का परिणाम है। सोसायटी ने इंडिगो प्रबंधन से तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की अपील की है, अन्यथा वे सक्षम न्यायालयों में सिविल और आपराधिक कार्यवाही शुरू करने को बाध्य होंगे।
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