सूरत से आई इस दिल दहलाने वाली खबर ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। एक पिता ने पहले अपने दो मासूम बेटों को ज़हर देकर मार डाला और फिर खुद फांसी के फंदे से झूल गया। पीछे छोड़ी एक 400 पन्नों की डायरी जिसमें उसने पत्नी की बेवफाई का दर्द उकेरा है।
यह घटना सूरत के जिला पंचायत क्वार्टर की है, जहां पीटी टीचर अल्पेश सोलंकी रहते थे। पुलिस को मौके से दो डायरियां और एक 5-6 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है। इनमें एक डायरी खास तौर पर पत्नी के नाम लिखी गई थी, जिसमें उसने विवाहेत्तर संबंधों और पितृत्व को लेकर संदेह जैसी कई भावनाएं जाहिर की थीं।
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अल्पेश सोलंकी ने अपने दो बेटों—2 और 8 साल के—को ज़हर देकर मौत की नींद सुला दी। फिर खुद फांसी लगाकर जान दे दी। यह आत्महत्या नहीं, एक टूटी आत्मा का विद्रोह था।
सुसाइड नोट में लिखा है कि उसकी पत्नी फाल्गुनी के नरेश राठौड़ नामक कृषि विस्तार अधिकारी से अफेयर थे। यह बात उसे काफी समय से परेशान कर रही थी।
पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में पत्नी फाल्गुनी और उसके प्रेमी नरेश राठौड़ को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में नरेश ने अफेयर की बात स्वीकार की है। वहीं, फाल्गुनी ने भी रोते हुए कहा, "मुझसे गलती हो गई, सर।"
पुलिस की जांच में सामने आया कि अल्पेश को संदेह था कि उसका छोटा बेटा उसका नहीं है। इस बात को लेकर पति-पत्नी में अक्सर झगड़े होते थे। फाल्गुनी कहती थी, "तुझे मरना हो तो मर, मुझे मेरी मर्जी से जीने दे।"
मृतक की पत्नी जिला पंचायत शिक्षा विभाग में क्लर्क थी, जबकि अल्पेश स्कूल में पीटी टीचर थे। दोनों का प्रेम विवाह हुआ था।
पुलिस को मिली डायरी में अल्पेश ने अपने बचपन से लेकर वर्तमान तक की पूरी कहानी लिखी थी। इसमें पत्नी और नरेश के रिश्ते, शक, झगड़े और टूटे हुए भरोसे की पूरी दास्तान दर्ज है।
नरेश राठौड़ पहले से शादीशुदा था और उसका एक बच्चा भी है। वह दूसरी शादी के लिए सगाई कर चुका था, लेकिन यह रिश्ता आगे नहीं बढ़ सका।
फाल्गुनी और नरेश 3-4 साल से रिलेशन में थे। दोनों के माता-पिता पुलिस विभाग में हैं और यहीं से इनकी पहचान हुई।
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घटना की जानकारी मिलते ही मृतक के परिजन मौके पर पहुंचे। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया है। अल्पेश मूलतः सांबरकांठा का रहने वाला था।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गहरी नाराज़गी है। लोगों ने मांग की है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए ताकि किसी और पिता को ऐसा कदम न उठाना पड़े।
🙏 अगर आप भी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं, तो चुप न रहें। अपने परिवार या नज़दीकी पुलिस से बात करें। हर जान की कीमत होती है।
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