विज्ञापन

बिलासपुर मेमू ट्रेन हादसे में ट्रेन ड्राइवर पर गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज, 76 किमी रफ्तार से रेड सिग्नल तोड़ा लोको पायलट


भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : बिलासपुर।

गेवरा रोड–बिलासपुर मेमू ट्रेन हादसे में अब बड़ा कदम उठाया गया है। पुलिस ने ट्रेन ड्राइवर के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। जांच में खुलासा हुआ कि ट्रेन ने 76 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रेड सिग्नल पार किया, जिससे यह भीषण दुर्घटना हुई।

पांच सदस्यीय टीम की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि हादसे के वक्त ट्रेन गतौरा से तेज गति में चल रही थी और 50 किमी प्रति घंटे की स्पीड से मालगाड़ी से जा टकराई। हादसे वाली जगह कर्व (घुमाव) पर थी, और आशंका है कि लोको पायलट विद्या सागर ने दूसरी लाइन का सिग्नल देखकर ट्रेन आगे बढ़ा दी। सामने मालगाड़ी देखकर कंट्रोल करने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि विद्या सागर को एक महीने पहले ही प्रमोशन देकर पैसेंजर ट्रेन चलाने की जिम्मेदारी दी गई थी। वे पहले मालगाड़ी चलाते थे, इसलिए स्पीड का अंदाजा लगाने में चूक हो गई। नए रूट में 4 लाइनें और 16 सिग्नल होने से भ्रम की स्थिति भी बनी रहती है।

एलारसा (लोको एसोसिएशन) ने पहले ही इस समस्या की लिखित जानकारी रेल प्रबंधन को दी थी और सिग्नल की जानकारी सीधे लोको कैब में देने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

रेलवे की जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि मेमू ट्रेन ने रेड सिग्नल पार किया, जिसे तकनीकी भाषा में “सिग्नल पास्ड एट डेंजर” (SPAD) कहा जाता है। इस गलती को हादसे की मुख्य वजह माना गया है।

रेलवे की प्रारंभिक जांच के अनुसार, हादसे के लिए लोको पायलट विद्या सागर और उनकी सहायक रश्मि राज को सही समय पर ट्रेन नियंत्रित न कर पाने का जिम्मेदार माना गया है। हादसे में विद्या सागर की मौत हो गई, जबकि महिला सहायक लोको पायलट रश्मि राज गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

एफआईआर स्टेशन अधीक्षक वाणिज्य के मेमो पर दर्ज की गई है। इसमें “ट्रेन ड्राइवर” लिखा गया है, लेकिन नाम नहीं जोड़ा गया है। इस दुर्घटना में कुल 11 यात्रियों की मौत हुई और 25 से अधिक लोग घायल हुए।

तोरवा थाना प्रभारी अभय सिंह बैस ने बताया कि चालक की मौत हो चुकी है, पर मामले की विस्तृत जांच जारी है। रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी।

दुर्घटना की जांच के लिए कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) बी.के. मिश्रा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने 40 मिनट तक जांच की और 140 से 200 मीटर क्षेत्र में पटरी की मापी की। साथ ही दुर्घटनाग्रस्त कोच के अंदर जाकर स्थिति का जायजा लिया।

अब एसईसीआर के 19 अफसरों और कर्मचारियों को संबंधित दस्तावेजों के साथ डीआरएम कार्यालय में पेश होने के लिए बुलाया गया है।

यह भी पढ़े -बुढ़ापे तक याददाश्त चाहिए मजबूत तो आज ही शुरू करें वेट ट्रेनिंग! घटेगा डिमेंशिया का खतरा: साइंस स्टडी का बड़ा खुलासा, दिमाग और शरीर दोनों होंगे मजबूत..

यह भी पढ़े -भारतमाला घोटाले में बड़ा खुलासा: EOW ने 7600 पन्नों का चालान पेश किया, करोड़ों का मुआवजा डकारने का आरोप.

यह भी पढ़े - लॉज के कमरे में जिंदा जले प्रेमी-प्रेमिका, संदिग्ध हालात में दर्दनाक मौत! हादसा या साजिश? फॉरेंसिक रिपोर्ट खोलेगी राज.

यह भी पढ़े - चाय के बाद पानी पीने से पाचन, दांत और एसिडिटी पर असर पड़ता है या नहीं? जानें हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह

यह भी पढ़े -गले में कोबरा डालकर बना रहा था रील युवक , सांप के डसते ही हुई मौत..

यह भी पढ़े  -छत्तीसगढ़ की बेटियों को तोहफा: कॉलेज पढ़ाई के लिए हर साल 30 हजार देगी सरकार, जल्द शुरू होगा पंजीयन..


भिलाई की पत्रिका न्यूज़ के whatsup ग्रुप से जुड़ने के लिए लिंक पर क्लिक कर ज्वाइन करे 

https://chat.whatsapp.com/IpwXxsrsm4JK3nX8WVmi1J