भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : सर्दी का मौसम, और इम्यूनिटी का इम्तिहान!
सर्दियों का नाम सुनते ही ठंडी हवाएं, गुनगुनी धूप और गरम सूप याद आते हैं। लेकिन इसी के साथ शुरू हो जाते हैं कई हेल्थ चैलेंज। तापमान गिरने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन और मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है।
ठंडी और सूखी हवा नाक-गले की म्यूकस परत को सुखा देती है, जो शरीर की पहली सुरक्षा दीवार होती है। वहीं धूप कम मिलने से विटामिन D का स्तर गिरता है और इम्यून सेल्स की एक्टिविटी घट जाती है। ऊपर से नींद की कमी, स्ट्रेस और कम पानी पीना शरीर की डिफेंस लाइन को कमजोर कर देता है।
इम्यूनिटी बचाने का फॉर्मूला – डाइट, स्लीप और लाइफस्टाइल!
डॉक्टरों का कहना है कि सर्दियों में मौसमी फल-सब्जियां, हल्दी-अदरक जैसे नेचुरल बूस्टर, और रोजाना थोड़ी एक्सरसाइज शरीर को संक्रमणों से बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
‘जरूरत की खबर’ में आज हम बात करेंगे कि ठंड में इम्यूनिटी क्यों घटती है और क्या करें कि शरीर मजबूत बना रहे।
मौसम बदलने से इम्यूनिटी पर क्या असर पड़ता है?
डॉ. सुनील राणा बताते हैं कि तापमान गिरने से शरीर को नए माहौल के हिसाब से खुद को ढालना पड़ता है। ब्लड सर्कुलेशन और मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है।
ठंड में लोग ज़्यादातर समय बंद जगहों पर रहते हैं, जहां वायरस तेजी से फैलते हैं। ऐसे में सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसी बीमारियां बढ़ जाती हैं।
ठंड में इम्यूनिटी कमजोर क्यों होती है?
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ड्राई एयर: नाक और गले की नमी कम होने से वायरस आसानी से अंदर पहुंच जाते हैं।
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विटामिन D की कमी: धूप कम मिलने से इम्यून सेल्स की एक्टिविटी घटती है।
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स्लो ब्लड सर्कुलेशन: ऑक्सीजन सप्लाई घटने से शरीर सुस्त पड़ता है।
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डिहाइड्रेशन: प्यास कम लगने से टॉक्सिन बाहर नहीं निकलते।
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कम नींद और स्ट्रेस: हॉर्मोनल असंतुलन से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
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कम फिजिकल एक्टिविटी: शरीर की सर्कुलेशन धीमी हो जाती है।
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भारी खाना: फैटी और तले खाद्य पदार्थ इंफ्लेमेशन बढ़ाते हैं।
ड्राई एयर: नाक और गले की नमी कम होने से वायरस आसानी से अंदर पहुंच जाते हैं।
विटामिन D की कमी: धूप कम मिलने से इम्यून सेल्स की एक्टिविटी घटती है।
स्लो ब्लड सर्कुलेशन: ऑक्सीजन सप्लाई घटने से शरीर सुस्त पड़ता है।
डिहाइड्रेशन: प्यास कम लगने से टॉक्सिन बाहर नहीं निकलते।
कम नींद और स्ट्रेस: हॉर्मोनल असंतुलन से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
कम फिजिकल एक्टिविटी: शरीर की सर्कुलेशन धीमी हो जाती है।
भारी खाना: फैटी और तले खाद्य पदार्थ इंफ्लेमेशन बढ़ाते हैं।
नींद और स्ट्रेस का इम्यूनिटी पर असर
नींद की कमी या तनाव से कॉर्टिसोल हॉर्मोन बढ़ता है, जो इम्यून सिस्टम को दबा देता है। नतीजा — बार-बार सर्दी-जुकाम और थकान। रोजाना 7-8 घंटे की नींद और हल्की एक्सरसाइज से स्ट्रेस घटता है और इम्यूनिटी बेहतर होती है।
घर में ताजी हवा और वेंटिलेशन क्यों जरूरी
सर्दियों में लोग दरवाजे-खिड़कियां बंद रख देते हैं, लेकिन ऐसा करने से हवा में टॉक्सिन और बैक्टीरिया बढ़ते हैं। ताजी हवा आने से शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है और इम्यून सिस्टम एक्टिव रहता है।
डाइट में क्या खाएं
गाजर, चुकंदर, पालक, संतरा, आंवला और अमरूद जैसे मौसमी फल-सब्जियां खाएं।
दालें, अंडे, दूध और बादाम प्रोटीन देते हैं जो इम्यून सेल्स के लिए जरूरी हैं।
हल्दी, अदरक, लहसुन और तुलसी जैसे मसाले प्राकृतिक इम्यून बूस्टर हैं।
गुनगुना पानी और हर्बल टी रोज लें।
किन चीजों से बचें
ज्यादा चीनी, मैदा, फ्राइड स्नैक्स, सॉफ्ट ड्रिंक और प्रोसेस्ड फूड्स शरीर की नेचुरल डिफेंस पावर घटाते हैं। इनकी जगह घर का बना ताजा और फाइबर युक्त खाना बेहतर है।
जरूरी विटामिन्स
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विटामिन C: संतरा, आंवला — वायरस से बचाते हैं।
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विटामिन D: धूप, अंडा, मछली — इम्यून सेल्स एक्टिव रखते हैं।
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विटामिन A: गाजर, शकरकंद — म्यूकस मेम्ब्रेन मजबूत करते हैं।
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विटामिन E: बादाम, सूरजमुखी के बीज — फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।
विटामिन C: संतरा, आंवला — वायरस से बचाते हैं।
विटामिन D: धूप, अंडा, मछली — इम्यून सेल्स एक्टिव रखते हैं।
विटामिन A: गाजर, शकरकंद — म्यूकस मेम्ब्रेन मजबूत करते हैं।
विटामिन E: बादाम, सूरजमुखी के बीज — फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।
रोजमर्रा की आदतों में ये छोटे बदलाव करें
सुबह धूप लें, हल्की एक्सरसाइज करें और पर्याप्त नींद लें।
दिनभर पानी पिएं, ताजा खाना खाएं और स्ट्रेस से दूर रहें।
हाथों की सफाई रखें और शरीर को गर्म रखें।
यह मौसम हमारे इलाके में हर साल कई लोगों को सर्दी-जुकाम से परेशान करता है। अगर आप भी ठंड में बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो डॉक्टर की ये सलाह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
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