भिलाई की पत्रिका न्यूज़ : छग,नवा रायपुर के IIIT कैंपस में इन दिनों सन्नाटा पसरा है। यहां की छात्राएं हॉस्टल से बाहर निकलने से डर रही हैं, और छात्र अपने दोस्तों से नजरें चुरा रहे हैं। वजह? उन्हीं के बीच का एक होनहार छात्र — सैय्यद रहीम अदनान — जिसने AI तकनीक का इस्तेमाल करके अपने ही 36 क्लासमेट्स की 3000 अश्लील तस्वीरें बना डालीं।
जो तस्वीरें कभी यादें थीं, अब डर बन गईं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घटना ने पूरे कैंपस की रूह को झकझोर दिया है। जो तस्वीरें किसी ग्रुप प्रोजेक्ट या कॉलेज इवेंट की मीठी यादें थीं, वो अब शक और शर्म का कारण बन चुकी हैं। रहीम ने लड़कियों और लड़कों की ग्रुप फोटोज लेकर उन्हें मॉर्फ कर अश्लील बना दिया — सिर्फ अपने "प्लेजर" के लिए।
तस्वीरें देखकर कांप गईं छात्राएं
जिस दिन इस शर्मनाक हरकत का खुलासा हुआ, उस दिन क्लास की कई लड़कियां अपनी ही मॉर्फ की गई तस्वीरें देखकर फूट-फूटकर रो पड़ीं। लड़कों को भी गहरा झटका लगा। कुछ छात्राओं ने सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिए हैं, तो कुछ हॉस्टल से बाहर निकलने में झिझक रही हैं।
आरोपी रहीम के लैपटॉप से बरामद हुईं 1000+ मॉर्फ तस्वीरें
रहीम का लैपटॉप जब्त किया गया, जिसमें 36 छात्राओं की 1000 से ज्यादा अश्लील मॉर्फ की गई तस्वीरें थीं। कुछ तस्वीरों में लड़कों की भी एडिटिंग की गई थी। पुलिस का कहना है कि रहीम ने यह सब दो अलग-अलग AI इमेज जनरेशन ऐप्स के जरिए किया।
हमें यकीन नहीं हुआ कि रहीम ऐसा कर सकता है"
मीडिया टीम ने कैंपस का दौरा किया। एक छात्र अनिरुद्ध (बदला हुआ नाम) ने बताया — "हम एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, तभी एक दिन हमारे क्लासमेट ने रहीम के लैपटॉप में मॉर्फ की गई फोटोज देखीं। जब लड़कियों ने खुद देखा, तो कांप उठीं।कुछ लड़कियों की तस्वीरें तो ग्रुप फोटोज से काटकर बनाई गई थीं, जिससे लड़कों की भी अश्लील फोटो बन गईं।
अब भरोसा भी टूटा और माहौल भी
अनिरुद्ध ने कहा, "अब डर ये है कि क्या लड़कियां दोबारा हम पर भरोसा कर पाएंगी? रहीम हमारा क्लासमेट था, यकीन करना मुश्किल है। कई लड़कियां आज भी रोती हैं, स्पोर्ट्स इवेंट से दूर हो गई हैं।
पुलिस और साइकोलॉजिस्ट की टीम एक्टिव
नवा रायपुर ASP विवेक शुक्ला ने बताया कि रहीम ने 6 छात्राओं की तस्वीरें मॉर्फ करने की बात कबूल की है। सभी फोटोज उसके सिस्टम में सेव थीं। पूरी जांच के बाद असली संख्या सामने आएगी। IIIT रायपुर अब डिजिटल एथिक्स पर नई पॉलिसी बना रहा है और लीगल एक्सपर्ट्स की मदद ले रहा है।
एक साधारण परिवार, लेकिन बिगड़ गया भविष्य
रहीम बिलासपुर के मध्यमवर्गीय परिवार से है। पिता ड्राइवर और मां प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। रहीम शुरू से पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन तकनीक का गलत इस्तेमाल उसके सुनहरे भविष्य पर भारी पड़ गया।
“टेक्नोलॉजी तो है, लेकिन एथिक्स कहां हैं?”
रिम्स रायपुर के सीनियर साइकोलॉजिस्ट डॉ. नीलेश ने कहा — "आज डिजिटल एक्सपोजर तो बढ़ गया है, लेकिन मोरल रिस्पॉन्सिबिलिटी और डिजिटल एथिक्स उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ रही।" उन्होंने इसे "डिजिटल डिसइनहिबिशन" कहा, जो ऐसे व्यवहारों को जन्म देता है।
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आपकी चुप्पी नहीं, आपकी आवाज़ ज़रूरी है
IIIT की इस घटना ने फिर साबित कर दिया कि टेक्नोलॉजी से पहले संवेदनशीलता और जिम्मेदारी जरूरी है। अगर आप भी किसी ऐसी घटना के गवाह हैं या डर में जी रहे हैं, तो चुप मत रहिए।
🙏 जुड़िए, आवाज़ उठाइए, और डिजिटल दुनिया को ज़िम्मेदारी से इस्तेमाल करना सीखिए।
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